सोमवार, 29 अप्रैल 2019

अंतर्मन

प्रेम से प्रेम की कीमत तय नहीं की जा सकती 
कीमत तो चीजों की होती है भावनाओ की नहीं 
नापते तौलते तो लोग सांसो को भी है आजकल 
वरना जिंदगी फ़क़ीर भी जीते है राजाओ की तरह 

जरूरते मेरी तय करते आये है जो आज तक 
सुन ले वो सभी जहाँ के अंतिम फलक तक 
ना अब मैं सुनने वाला हूँ उनकी थोड़ी सी भी 
पर चाहूंगा कुछ अधूरा ही सही सुने वो मेरी भी 
 

 

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