बहती है जो ये हवायें है
सांसो को जीवन बनाये है
कुछ तो खास है इनमे
जो चलती है लगातार।
कभी बन ठण्ड में शीतलहर
तो बन कभी लू का कहर
कभी ले आती चक्रवात तो
कभी देती सुगंध बरसात की।
न थकती न रूकती
न करती भेदभाव
ये हवा है कुदरती
यही इसका स्वभाव।
सांसो को जीवन बनाये है
कुछ तो खास है इनमे
जो चलती है लगातार।
कभी बन ठण्ड में शीतलहर
तो बन कभी लू का कहर
कभी ले आती चक्रवात तो
कभी देती सुगंध बरसात की।
न थकती न रूकती
न करती भेदभाव
ये हवा है कुदरती
यही इसका स्वभाव।
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