जिस देश की है भुजा हिमालय
सागर की लहरे सुर और लय
गंगा नर्मदा कावेरी गोदावरी
सींच बनाते सीने को हरी भरी
मानसून देता प्रबल बरसात
लद्दाख जिसके सर का ताज
श्री राम जी जिसके आदर्श है
श्री कृष्ण जी जिसकी पहचान
श्री बुद्ध जी का प्रखर प्रकाश
श्री महावीर जी सादगी के प्रमाण
है तो अनंत महापुरुषों की कतार
उन सभी को मेरा आत्मीय प्रणाम।
दुनियाँ बसती थी जंगल में आचार पशु सम
तब सिंधु घाटी में हुआ सभ्यताओ का संगम
विश्व का प्रथम विश्वविद्यालय तक्षशिला में
भास्कराचार्य ने बताया वर्ष के दिन कितने
खोज शून्य बता दिया विश्व को सही आकार
दिया प्रकृति का सन्देश आयुर्वेद से उपचार
ध्यान, योग, विपश्यना से किया साधना पूरा
एक विश्व - एक धर्म का किया पालन पूरा
लक्ष्य बड़ा था संभाले रखना हमें अपना
गौरवशाली अतीत
समय की है खासियत यही हो अच्छा या बुरा
जाता जरूर बीत
दस हजार सालो में खुद ही से
लडे हो हज़ार बार
पर एक बार भी दूसरे देश पर
आक्रमण न एक बार
सिंध के राजा दाहिर ने रोका खलीफाओं को
उड़ाई नींद चटाई धुल मुस्लिम आक्रांताओ को
कासिम ने अंततः पायी जीत रक्तरंजित सिंध पर
उस क्रूर का अंत कर दाहिर पुत्री ने किये प्राण अर्पण
हो गया प्रारम्भ लूट और मार - काट का दौर
भारत में प्रवेश मुस्लिम आततायियों का जोर
बहने लगी रक्त की धराये हुआ बहुत अन्याय
धीरे - धीरे भारत बना एक मुस्लिम सराय
चित्तौड़ के राजा को मार जाहिल खिलजी
जब किले में घुसना चाहा था
पद्मावती ने उसके किले में आने से पहले
अग्नि स्नान कर डाला था।
इक्यासी किलो का भाला ले महाराणा
क्रूर अकबर की हिम्मत को तोडा था
छत्रपति शिवाजी ने छापामार युद्ध कर
तनाशाह औरंगजेब को झकझोरा था
सहनशील गुरु गोविन्द सिंह जी ने
मुस्लिम आतंक को ललकारा था।
अब जब जागरण हुआ शुरू सरे आम
एक नई गुलामी की शुरुआत की दासता
अबकी बार थी व्यापार सभ्य लूट तमाम
अंग्रेजो से लड़ना था और साथ चलना था
सन सत्तावन में मंगल पांडे उठा सर
जगा गया पूरा भारत संवत्सर
लक्ष्मीबाई लड़ी अंतिम साँस तक
आज़ाद भगत सिंह हुए बलिदान
नहीं लिख सकता हर एक नाम
फिर भी सबको मेरा करबद्ध प्रणाम।
थक चूका मुस्लिमो और अंग्रेजो की गुलामी से
सन सैतालिस में आज़ाद हुआ
26 नवंबर सन 1949 बना संविधान
राजेंद्र प्रसाद जी की अध्यक्षता में
लोकतंत्र बने और मजबूत सच में
इसलिए लागु हुआ दो माह बाद ये।
भारत की हर लड़ाई में सिर्फ मानवता ही है सर्वोपरि
है संविधान लागू भारत पर लड़ाई है बाकि कई
राजनीति से ऊपर उठ राष्ट्र नीति ही धर्म है
सभी सुखी हो सभी स्वस्थ्य हो बस यही मर्म हैं।
मंगल तक पहुंचे एक बार में हुआ विश्व चकित
चंद्र पहुँचा दो बार वो भी स्वदेशी तकनीक पर
इसरो के C-३७ ने १०४ उपग्रह पहुचाये एक बार में
बनाया ये एक कीर्तिमान बना भारत का अभिमान।
विश्व शक्ति कहलाने वाले अमेरिका, फ़्रांस
और ब्रिटेन हो रहे चीनी विषाणु से बेहाल
भारत ने सही समय पे किया सही लॉक डाउन
शीर्ष १० ग्रसित देशो से सन २१ में हुआ बहाल
आत्मनिर्भर बनेगा हमारा भारत यह हमारा प्रण है
अंतिम साँस तक भारत माँ का हम पर ऋण है
वसुधैव कुटुंबकम की भावना हमारी प्यारी है
दुनिया चाहे जो भी बोले अब तो अपनी बारी है।
--अमित मौर्य
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