घात से उबारती रोतो को हँसाती।
रात के प्यारे सपनो में मुस्कुराती।।
होती जब सुबह तो साफ़ होती तस्वीर।
बीते दिन से पलट जाती पूरी तकदीर।।
होती साथ नयी हिम्मत और ताक़त ।
कोमल होते कच्चे फल जो थे सख्त।।
नींद की आदत है सपनो में नयी दुनिया दिखाना।
ये प्रण हमारा सपने को साकार करके ही दिखाना।।
रात के प्यारे सपनो में मुस्कुराती।।
होती जब सुबह तो साफ़ होती तस्वीर।
बीते दिन से पलट जाती पूरी तकदीर।।
होती साथ नयी हिम्मत और ताक़त ।
कोमल होते कच्चे फल जो थे सख्त।।
नींद की आदत है सपनो में नयी दुनिया दिखाना।
ये प्रण हमारा सपने को साकार करके ही दिखाना।।