शुक्रवार, 10 अगस्त 2018

समानता


समानता


ऊँच नीच और भेद भाव
शहर बड़े और छोटे गांव
हैसियत और ये हक़ीक़त
खुदा भी न हो सके सहमत

ये जमीन और आसमान
होती यदि जो घमासान
मिल भिड़े जो एक बार
मिट जाएंगे नामो निशान

समानता का नारा दे कर
करते जो तुम व्यापार
छोटो को बड़ो से और
बड़ो को छोटो से दूर

रात की चादर जो हटी
निकली जो उजली किरण
न होने पाए कोई धोखा
खत्म हो ये विविधीकरण

व्यापारी हो या कर्मचारी
न भिन्न है अब उम्मीदवारी
न होगा कोई किसी पे भारी
अब होगी दुनिया उजियारी||||

-अमित कुमार मौर्य

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