भारतीय स्वतंत्रता दिवस
5 - प्रतिज्ञा करे की
एक दिन की देशभक्ति की जगह
आज से हम
१. रोज १० मिनट देश के लिए कुर्बान हुए शहीदों और इतिहास को याद करेंगे जिससे हम अपने भविष्य को सुमार्ग प्रदान कर सके। हर उस व्यक्ति को उत्साहित करेंगे जो अंजुमन में कोई सकारात्मक पहलू रखे फिर चाहे वो कितना भी मुश्किल क्यों न हो।
२. क्योकि देश हमसे है और देश से हम तो प्रतिदिन ऐसा कोई कार्य नहीं करेंगे जिससे हमे या देश को कोई नुकसान हो। सदा देश के लिए स्वयं और दुसरो के समर्पण का इस्तकबाल करेंगे।
३. भारत की संस्कृति और विश्व हिंदुत्व की रक्षा के लिए अगर किसी मार्ग पे धर्म-पंथ या संप्रदाय भी आहत हो तो भी अपना मार्ग प्रशस्त करेंगे, कभी भी जाति धर्म या समुदाय के नाम पे लड़ने वालो को कोई तवज्जो नहीं देंगे।
४. "अहिंसा परमो धर्म:" पे चलते हुए जहाँ तक संभव हो हिंसा से दूर रहेंगे, शाकाहार ही इस क्षेत्र की उत्तम भोज्य है, अतः जिन क्षेत्रो में पर्याप्त संसाधन हो वहाँ पूर्ण शाकाहार का पालन करेंगे जिससे देश के संसाधनों का उचित विकास हो सके।
5. प्रति दिन अपने निर्धारित कार्य के अलावा हम एक या कुछ ऐसे कार्य करेंगे या सीखेंगे जिससे न सिर्फ हमारा कौशल विकसित हो बल्कि साथ ही साथ देश के उन्नति के लिए भी प्रभावी हो।
इतिहास
हर वर्ष 15 अगस्त को मनाया जाता है। सन् 1947 में इसी दिन भारत के निवासियों ने ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त की थी। यह भारत का राष्ट्रीय त्यौहार है। प्रतिवर्ष इस दिन भारत के प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर से देश को सम्बोधित करते हैं। 15 अगस्त 1947 के दिन भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने, दिल्ली में लाल किले के लाहौरी गेट के ऊपर, भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराया था। महात्मा गाँधी के नेतृत्व में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में लोगों ने काफी हद तक अहिंसक प्रतिरोध और सविनय अवज्ञा आंदोलनों में हिस्सा लिया। स्वतंत्रता के बाद ब्रिटिश भारत को धार्मिक आधार पर विभाजित किया गया, जिसमें भारत और पाकिस्तान का उदय हुआ। विभाजन के बाद दोनों देशों में हिंसक दंगे भड़क गए और सांप्रदायिक हिंसा की अनेक घटनाएं हुईं। विभाजन के कारण मनुष्य जाति के इतिहास में इतनी ज्यादा संख्या में लोगों का विस्थापन कभी नहीं हुआ। यह संख्या तकरीबन 1.45 करोड़ थी। 1951 की विस्थापित जनगणना के अनुसार विभाजन के एकदम बाद 72,26,000 मुसलमान भारत छोड़कर पाकिस्तान गये और 72,49,000 हिन्दू और सिख पाकिस्तान छोड़कर भारत आए।इस दिन को झंडा फहराने के समारोह, परेड और सांस्कृतिक आयोजनों के साथ पूरे भारत में मनाया जाता है। भारतीय इस दिन अपनी पोशाक, सामान, घरों और वाहनों पर राष्ट्रीय ध्वज प्रदर्शित कर इस उत्सव को मनाते हैं और परिवार व दोस्तों के साथ देशभक्ति फिल्में देखते हैं, देशभक्ति के गीत सुनते हैं।
साभार(विकिपीडिया)
-Mait
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