गुरुवार, 7 जुलाई 2022

राह

गिरता है पानी उठती तो भाप हैं
सत्य ही धर्म बाकी सब पाप हैं।

समय का मोल हर कोई जान पाए
सोने से पहले एक बार जाग जाए।

सब हो जाए अगर लोग समझ जाए
समझना जरूरी तभी वो समझाएं।

दिखाने से पहले नई अनजानी राहें
लोगो को खुद उस पथ चल दिखाएं।

सूरज सा चमकने का सपना दिखाएं
पहले तपना और धधकना तो सिखाए।

शिकायत से स्वागत का द्वार जो पाए 
वो ही अधर्म बाकी निष्पाप कहलाए।

हारे न वो जो लड़ जान गवाएं
हारे तो वो जो लड़ने न जाएं।

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