ढूंढने उजली सुबह इस उलझी रात के बाद
टूटे दिल और भटकते मन के साथ
अब इंतजार नहीं किसी भोर का
क्योंकि लाना है उजाला
खुद ही को जलाकर।
जब तकलीफ बताने की इच्छा ना हो
तो लिखना ही बेहतर होता है,
कहां इस दुनिया में कोई दुःख से खुश
और हंसी के लिए रोता हैं।
जो बदल नहीं सकते उस बारे में सोचना व्यर्थ हैं
जो बदलना जरूरी हैं उस बारे न सोचना पाप हैं।
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